प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार बनने के बाद स्वच्छता को लेकर बड़ा अभियान चला। रेलवे भी स्वच्छता पर करोड़ों रुपए प्रत्येक महीने खर्च कर रहा है, लेकिन कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन की स्थिति देख कर ऐसा लगता है कि उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज डिवीजन के अफसरों की निगाह इस रेलवे स्टेशन पर नहीं है। यहां तैनात रेलवे के वरिष्ठ और कनिष्ठ अफसर भी स्टेशन यार्ड में फैली गंदगी की अनदेखी कर रहे हैं। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से शिकायत के बाद प्रयागराज मंडल रेल प्रबंधक ने इंजीनियर्स से जवाब-तलब किया है।
उत्तराखंड के सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त हुए इंजीनियर विजय माहेश्वरी ने रेलमंत्री को ट्वीट कर लिखा कि अश्वनी वैष्णव महोदय, मैने एक प्रश्न देखा कि देश का सबसे गंदा रेलवे स्टेशन कौन सा है? उत्तर मिला – कानपुर सेंट्रल।
ऐसा क्यों? क्या वहां स्टाफ, सफाई मशीन, पानी या अन्य उपकरणों की कमी है। आपसे प्रार्थना है कि सफाई जैसे दिन पर विशेष ध्यान देने की कृपा करें।
विजेंद्र द्वारा अपलोड की गई तस्वीर, में दिख रहा है कि ट्रैक और या,अड में भा,ई गंदगी पसरी है। विजेंद्र की शिकायत के बाद रेलवे ने साफ सफाई की तैयारी शुरू कर दी है। रेल सेवा ने शिकायतकर्ता से उनकी तमाम व्यक्तिगत जानकारियां भी मांगी। हालांकि, इसके लिए यह जरूरी नहीं है। उधर, मंडल रेल प्रबंधक प्रयागराज ने सीनियर डीएससी से प्रकरण को लेकर जवाब मांगा है। शिकायत के बाद रेलवे कार्रवाई करेगा जाता है।
उम्मीद है कि कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर साफ सफाई कार्य करने के लिए अभियान भी चले लेकिन यह स्थिति क्यों आई ? कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर भी अन्य स्टेशनों की तरह स्वच्छता के लिए भारी-भरकम मशीनें लगाई गई है। पानी का इंतजाम किया गया है। रेलवे यार्ड भी ठीक किया गया है। प्रत्येक महीने स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपये भी खर्च का दिखावा किया जा रहा हैं। ऐसे में आशंका है कि स्वच्छता से जुड़े अफसर पूरी रकम का गोलमाल कर रहे हैं।