दो वर्ष से अधिक समय से सीतापुर की जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की ईद इस बार जेल में ही मनेगी। आजम खां को लेकर बीते 15 दिन से तेज हुई सियासत का भी कोई असर नहीं हो पा रहा है। आजम खां की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई नहीं हुई, जिसके कारण उनको ईद पर भी निराशा मिली है।
आजम खां फरवरी 2020 से रामपुर में अनियमितता के कई मामलों में आरोपित होने के बाद से सीतापुर की जेल में बंद हैं। आजम खां को इस बार ईद में जेल से बाहर आने की उम्मीद थी। उनकी जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई भी होनी थी, लेकिन वहां पर सुनवाई नहीं हो सकी। आजम खां के वकील पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की याचिका कोर्ट ने स्वीकार नहीं की। कपिल सिब्बल का कहना है कि आजम खां के खिलाफ रामपुर में 87 केस दर्ज हुए थे। अभी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सिर्फ एक मामले में उनकी जमानत पेंडिंग है। उसमे साढ़े चार महीने से ज्यादा वक्त से जजमेंट रिजर्व होने के बाद भी अदालत ने अभी अपना फैसला नहीं सुनाया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य आजम खां इस बार ईद पर सीतापुर जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। उनके खिलाफ एक फैसले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट चार मई को अपना फैसला देगा। आजम खां को उम्मीद थी कि ईद से पहले उन्हें उनके 72वें और अंतिम मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल जाएगी । आजम खां के खिलाफ शत्रु संपत्ति से जुड़े इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई करीब चार महीने पहले ही पूरी हो चुकी है। उनके केस के फैसले के लिए सुरक्षित इस मामले में कोर्ट अपना फैसला देने ही वाला था लेकिन सुनवाई में पहले अपनी बहस पूरी चुके सरकारी पक्ष ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ और नए तथ्य प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट से समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए चार मई तय कर दी।