प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शासन ने नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों का आरक्षण जारी कर दिया है। इसमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका और 545 नगर पंचायत चेयरमैनों की सूची शामिल है।
यूपी सरकार के नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सोमवार शाम को प्रेस कान्फ्रेंस करके बताया कि 17 नगर निगम में एक सीट अनुसूचित जाति, एक सीट अनुसूचित जाति महिला, दो ओबीसी महिला और दो अन्य पिछड़ा वर्ग, तीन महिला और आठ सीटें सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं।
इसी तरह 200 नगर पालिका के लिए 40 सीटें महिला, 27 एससी वर्ग, 54 ओबीसी और 79 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। 545 नगर पंचायत चेयरमैनों के लिए 147 पिछड़ा वर्ग, 49 पिछड़ा वर्ग महिला, 98 पिछड़ा वर्ग अन्य और 107 सामान्य के लिए सीट आरक्षित की गई है। एके शर्मा ने बताया कि आरक्षण सूची को लेकर आपत्ति सात दिन के भीतर दर्ज करा सकते हैं।
प्रयागराज में कैबिनेट मंत्री नंदी को झटका
मथुरा-वृंदावन, अलीगढ़ और मेरठ के साथ प्रयागराज को भी अन्य पिछड़ा वर्ग में रखा गया है। इसमें मथुरा और अलीगढ़ में ओबीसी महिला चुनाव लड़ेंगी। मेरठ और प्रयागराज में ओबीसी का कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। इसके साथ ही पिछले दस वर्षों से लगातार प्रयागराज नगर निगम में काबिज कैबिनेट मंत्री नंदी का वर्चस्व खत्म हो गया है। नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी दो बार से महापौर हैं। आरोप है कि अभिलाषा गुप्ता ने भाजपा से अधिक समाजवादी पार्टी और बसपा के पार्षदों को तवज्जो दी। सपा और बसपा पार्षदों को संतुष्ट करने की कोशिशें हुईं लेकिन भाजपा पार्षदों के एक बड़े वर्ग को निगम के उन तमाम लाभों और सुविधाओं से वंचित रखा गया, जो सत्ता धारी दल की महापौर होने के कारण मिलना चाहिए था।
फिलहाल, अब प्रयागराज महापौर पद के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग नेताओं के नामों की चर्चा शुरू हो गई है। फूलपुर के पूर्व विधायक प्रवीण पटेल की शहर के विभिन्न हिस्सों में लगे यूनिपोल प्रचार के साथ की अन्य दावेदार उभरेंगे। इसमें एक पार्टी के एक पूर्व महानगर अध्यक्ष का नाम भी लिया जा रहा है।