पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशीत कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बिहार के मुख्य विपक्षी दल आरजेडी (RJD) पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और वंचितों की पार्टी होने का दावा करने वाला राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जब 26वां स्थापना दिवस मना रहा है, तब उसे आदिवासी महिला और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के लिए कुछ बड़ा दिल दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आरजेडी को केवल विरोध के लिए विरोध की नीति त्याग देनी चाहिए और राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी मुर्मू के समर्थन में आना चाहिए.
सुशील मोदी ने कहा कि सन् 2000 में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने कहा था कि अगर पृथक झारखंड राज्य बना, तो यह उनकी लाश पर बनेगा. बाद में राजनीतिक मजदूरी में उन्होंने बिहार के पुनर्गठन का विधेयक पारित कराया. उन्होंने कहा कि 21 साल बाद फिर एक अवसर है, जब लालू प्रसाद यादव को राष्ट्रपति के चुनाव में आदिवासी महिला द्रौपद मुर्मू का विरोध करने की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए.
राष्ट्रपति का चुनाव आरजेडी के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं
बता दें कि बिहार का मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के लिए इस बार का राष्ट्रपति पद का चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं. आरजेडी खुद को दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और वंचितों की आवाज बताता रहा है, पर इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में क्या वो एक आदिवासी महिला उम्मीदवार को अपना समर्थन देगा? ये बड़ा सवाल है. क्योंकि कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, इसपर अभी तक आरजेडी का स्टैंड स्पष्ट नहीं है.
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