सराय इनायत थाना के इंस्पेक्टर व उपनिरीक्षक की कारस्तानी
सौरभ सिंह सोमवंशी
प्रयागराज
मामला प्रयागराज के सरायइनायत थाने का है जहां पर 27 दिसंबर 2022 को अजय कुमार विश्वकर्मा ने प्रयागराज के गंगा पार के पुलिस अधीक्षक को एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें उन्होंने पुलिस प्रशासन को यह अवगत कराया कि उनके ऊपर 1 दिसंबर 2022 को विपक्षी गणों के द्वारा जानलेवा हमला किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रयागराज के गंगा पार पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल के द्वारा प्रार्थना पत्र पर यह आदेश दिया गया की जांच करके विधिक कार्यवाही की जाए और स्पष्ट रूप से प्रार्थना पत्र पर यह भी निर्देश दिया गया की जांचकर्ता अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर जांच करें।
मामले में पीड़ित अजय कुमार विश्वकर्मा के द्वारा बताया गया कि गंगा पार पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल के आदेश पर जब सराय इनायत थाना के उपनिरीक्षक सुशील कुमार ने जांच की तो उन्होंने अपने मन मुताबिक जांच रिपोर्ट लगा दी। जबकि पीड़ित अजय कुमार विश्वकर्मा को इस बारे में कोई जानकारी भी पता नहीं चली, ना ही जांच करने वाले उप निरीक्षक सुशील कुमार ने अजय कुमार विश्वकर्मा से कोई संपर्क किया।
अजय कुमार विश्वकर्मा से यह जानकारी पता चली की जांच करने वाले उप निरीक्षक सुशील कुमार ने जांच के दौरान कभी भी ना तो अजय विश्वकर्मा से मुलाकात किया ना ही प्रयागराज गंगा पार के पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल के आदेश के मुताबिक मौके पर गए ।
इसके पहले भी अजय विश्वकर्मा के तमाम सारे मामलों में भी सराय इनायत थाने की पुलिस के द्वारा मन मुताबिक रिपोर्ट लगाई जाती रही है। यहां तक कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार जिसमें 6 जनवरी 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि अजय विश्वकर्मा के जान माल की सुरक्षा पुलिस के द्वारा की जाए ।
इस आदेश को भी पुलिस के द्वारा नजरअंदाज किया गया इस मामले पर एक अपील भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई है। क्योंकि तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज शैलेश कुमार पांडे के द्वारा एक हलफनामा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दिया गया है जिसमें कहा गया है कि अजय कुमार विश्वकर्मा के परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रयागराज पुलिस की है और उस परिवार को सुरक्षा की जिम्मेदारी सराय इनायत थाने को दे दी गई है। जबकि यह हलफनामा पूरी तरह से झूठ है अजय कुमार विश्वकर्मा को या उनके परिवार को आज तक किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं दी गई है ।
इस फर्जी हलफनामे की एक प्रति नेशनल व्हील्स के पास भी मौजूद है। इस मामले पर जब विधि विशेषज्ञों से बात की गई तो पता चला कि इस मामले में पूरी तरह से प्रयागराज के अंतर्गत आने वाले थाना सराय इनायत के थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार राय की कारस्तानी सामने आ रही है। बड़ा प्रश्न यह है कि क्या सराय इनायत थाने के थाना अध्यक्ष और उपनरीक्षक प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और गंगा पार के पुलिस अधीक्षक के आदेश को नहीं मानते हैं। उनकी कहीं बढ़ गई बातों को नजरअंदाज करते हैं?
इसी मामले में सराय इनायत थाने में उपनिरीक्षक रहे आकाश कुमार राय को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच करने के दौरान फूलपुर के क्षेत्राधिकारी रहे रामसागर ने अपनी जांच में दोषी पाया था और इसी आशय की एक जांच रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट को प्रेषित भी की थी। लेकिन आज तक आकाश राय के ऊपर क्या कार्यवाही हुई यह अपने आप में बड़ा प्रश्न है ।
उससे भी बड़ा प्रश्न है कि क्या इस तरह के अधिकारी योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने में उनकी मदद करेंगे या नहीं?
इसी मामले पर जब पीड़ित अजय कुमार विश्वकर्मा के द्वारा जांच अधिकारी सुशील कुमार व इंस्पेक्टर अरविंद कुमार राय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चलिए देखते हैं कि क्या हो सकता है।