दिल्ली : आलसी, कामचोर और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अफसरों की रेलवे में शामत आ गई है। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने एक ही दिन में बुधवार को 19 अफसरों को जबरन अनिवार्य सेवानिवृत्त देकर घर भेज दिया है। जबरन वीआरएस पाने वाले अधिकारियों में इलेक्ट्रिकल के चार, पर्सनल के दो, मेडिकल के तीन, स्टोर के एक, मैकेनिकल का एक, सिविल इंजीनियरिंग के तीन, सिग्नलिंग के चार और ट्रैफिक के एक अधिकारी शामिल हैं।
मोदी सरकार पहले कार्यकाल से ही भ्रष्टाचारी और कामचोर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। वित्त मंत्रालय समेत कई विभागों में पहले ही जबरन अनिवार्य सेवानिवृत्त का डंडा चल चुका है। पिछले करीब 9-10 महीनों से रेलवे में भी जबरन घर भेजने का अभियान चल रहा है।
बुधवार को रेलवे मंत्रालय ने 19 अधिकारियों को जबरन वीआरएस दे दिया। इनमें से 10 अधिकारी संयुक्त सचिव स्तर के समकक्ष अधिकारी थे, जो रेलवे के अलग-अलग मंडलों और रेल, कोच फैक्टरी में तैनात थे।
इसके अलावा पिछले 11 माह में 75 अधिकारियों को वीआरएस दिया गया है। इन पर निष्ठा से काम न करने, खराब प्रदर्शन और अक्षमता का आरोप था।
भारतीय रेलवे ने फंडामेंटल रूल्स (एफआर) 56जे के तहत कार्रवाई करते हुए इन अफसरों को जबरन वीआरएस दे दिया है। इस रूल्स के तहत सरकार काम की समीक्षा कर जबरिया वीआरएस दे सकती है। ये वरिष्ठ अधिकारी थे, जो रेलवे में डीआरएम या इससे ऊपर पदों पर तैनात थे।
ये अधिकारी पश्चिमी रेलवे, एमसीएफ, मध्य रेलवे, सीएलडब्ल्यू, नार्थ फ्रंट रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पश्चिमी रेलवे, डीएलडब्ल्यू, केंद्रीयरेलविद्युतीकरणसंगठन (कोर), आरडीएसओ, ईडी सेल का सेलेक्शन ग्रेड और उत्तर रेलवे में विभिन्न पदों पर तैनात थे। इनमें 10 अधिकारी एसएजी ग्रेड के अधिकारी यानी सामान्य भाषा में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी थे।
किस माह में कितने को वीआरएस दिया गया
माह अधिकरियों की संख्या
जुलाई 2021 नौ
अगस्त 2021 छह
सितंबर 2021 चार
अक्तूबर 2021 सात
नवंबर 2021 नौ
दिसंबर 2021 छह
जनवरी 2022 11
फरवरी 2022 आठ
मार्च 2022 सात
अप्रैल 2022 पांच
मई 2022 तीन