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रामचरितमानस प्रकरण : सपा की मान्यता निरस्त करने की विहिप ने उठाई मांग, योगी बोले- जिसे ज्ञान न हो समझाना बेकार

रामचरितमानस प्रकरण : सपा की मान्यता निरस्त करने की विहिप ने उठाई मांग, योगी बोले- जिसे ज्ञान न हो समझाना बेकार

लखनऊ  : गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का साथ देने पर विश्व हिंदू परिषद ने अब चुनाव आयोग में भी याचिका डाली है। विहिप ने मांग की है कि समाजवादी पार्टी की सदस्यता निरस्त की जाए। उधर, एक अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, जिसे ज्ञान ना हो उसे समझाना बेकार है। राम श्रीरामचरितमानस समझ का विषय है।

विश्व हिंदू परिषद ने रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 की धारा 29ए का हवाला देते हुए समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग भारतीय चुनाव आयोग से की है।

परिषद ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर जो बयान दिए उसे प्रतिबंधित करने की मांग की।

विहिप ने कहा कि उनके सहयोगियों के मानस के पवित्र पन्नों को जलाने से भारत के नागरिकों के बड़े वर्ग की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर घृणित तरीके भड़काया गया। इसके तुरंत बाद मौर्य को पदोन्नत कर पार्टी का महामंत्री बनाया जाना स्पष्ट करता है कि पूरी पार्टी उनके इस कुकृत्य के समर्थन में शामिल हैं। इसलिए उसकी सदस्यता निरस्त की जाए।

उधर, लखनऊ में  रामचरितमानस पर पहली बार बोले CM योगी ने जुबान खोली है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में CM योगी ने कहा कि रामचरितमानस की चौपाई समझ का विषय है।

मुख्य मंत्री ने कहा कि जिसको भाषा का ज्ञान न हो, उसे समझाना बेकार है।  रामचरितमानस पर विवाद अनावश्यक है।

योगी ने विवाद खड़ा करने वालों की समझदारी पर सवाल उठाए हैं। कहा कि ओबीसी हिंदू था और हिंदू ही है। कहा कि इन मसलों पर बहस करना अनावश्यक है। बे-वजह विवाद खड़ा करने की कोशिश हुई।

सीएम योगी. ने कहा कि किस कालखंड में रामचरितमानस रचित हुई ये समझें। स्थानीय संस्कृति और भाषा का ज्ञान होना चाहिए।

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