– सरकारी धन हड़पने कूट रचना सहित विभिन्न मामलों के हैं आरोपी, अदालती कार्यवाही शुरू होते ही चिकित्सा विभाग सहित आरोपियों में मचा हड़कंप।
कुंवर समीर शाही
अयोध्या। सरकारी धन के गबन और धोखाधड़ी सहित अन्य संज्ञेय अपराधों के मुकदमो में फंसे मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर दशरथ सिंह तोमर सहित अन्य कई की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जिनके विरुद्ध एंटी करप्शन की कोर्ट गोरखपुर ने मुकदमे का संज्ञान में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी। अदालती कार्यवाही होने की जानकारी मिलते ही होम्योपैथ चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया। सुनवाई की तिथि पर आरोपियों के न पहुंचने पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए दूसरी तारीख मुकर्रर कर तलब की है। इससे चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया।
राजकीय डॉक्टर बृजकिशोर होम्योपैथ मेडिकल कॉलेज देवकाली अयोध्या के रीडर डॉ आर डी यादव संबद्ध निदेशालय लखनऊ ने बताया की कॉलेज के पूर्व प्राचार्य रहें डॉ दशरथ सिंह तोमर व अन्य के विरुद्ध वर्ष 2012 में धोखाधड़ी, कूट रचना, सरकारी धन के गबन सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान अयोध्या द्वारा नगर कोतवाली में मुकदमा अपराध संख्या 3754 / 12 धारा 420 ,467, 468 ,471 ,409 ,218 आईपीसी एक्ट व अ0वि0अ0,13/1,13/2 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया था। दर्ज मुकदमा सीपीएमटी बैच 2003 में बिना चयनित हुए कुमारी रूपा रानी, कुमारी प्रियंका सरोज, कुमारी श्रुति त्रिपाठी का अवैध ढंग से प्रवेश लेने तथा राज्य सरकार द्वारा जारी रुपया 20000 की कान की दवा लेने व भारत सरकार द्वारा दी गई धनराशि 93 हजार रुपयों का संतृप्त शिक्षा पुनर्योधन कार्यक्रम में फर्जी बिल वाउचर लगाकर रुपए के गबन करने से संदर्भित था। मुकदमे की विवेचना के दौरान साक्ष्य सबूतों की जांच पड़ताल कर सत्यता की परख करते हुए आरोप पत्र सतर्कता अधिष्ठान अयोध्या के एसपी जे एल यादव ने शासन की अनुमति मिलते ही चार्जशीट एंटी करप्शन कोर्ट गोरखपुर भेजा था।
अदालत ने आरोप पत्र मिलते ही मुकदमे की निस्तारण के लिए अदालती कार्यवाही शुरू कर दी ।और आरोपियों को सम्मन नोटिस जारी कर तामिला कराते हुए 30 नवंबर को अदालत पर तलब होने का आदेश किया। परंतु निश्चित तिथि पर पूर्व प्राचार्य दशरथ सिंह डॉ तोमर सहित अन्य आरोपी अदालत के समक्ष हाजिर नहीं हुए। जिसे संज्ञान में लेते हुए अदालत ने कड़ी कार्यवाही करते हुए अग्रिम सुनवाई तिथि 15 दिसंबर 2022 सुनिश्चित कर दी है। अदालती कार्यवाही शुरू होने से होम्योपैथ चिकित्सा विभाग जहां अन्य लोगों में हड़कंप मचा है तो वही पूर्व प्राचार्य के इस कृत्य कारनामों को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।