उत्तराखंड में मां का आशीर्वाद लेकर लौटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या में श्रीहनुमान गढ़ी मन्दिर एवं भगवान श्रीरामलला का दर्शन-पूजन किया। उन्होंने अयोध्या में निर्माणाधीन भगवान श्रीराम मन्दिर के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया तथा निर्माण की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्तमान में मन्दिर की कुर्सी (प्लिन्थ) ऊँची करने का कार्य प्रगति पर है। शीघ्र ही गर्भ गृह और उसके चारों ओर के प्लिन्थ के निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाएगा। प्लिन्थ के निर्माण का कार्य जनवरी, 2022 में प्रारम्भ हुआ था। प्लिन्थ के निर्माण के बाद राजस्थान के भरतपुर जनपद के बंसीपहाड़पुर क्षेत्र की पहाड़ियों के हल्के गुलाबी रंग के बलुआ नक्काशीदार पत्थरों को लगाने का कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।

सम्पूर्ण मन्दिर में लगभग 4.70 लाख घन फुट नक्काषीदार पत्थर लगेंगे। नक्काषीदार पत्थर अयोध्या पहुँचना प्रारम्भ हो गए हैं। गर्भ गृह में लगने वाले मकराना के सफेद संगमरमर पत्थरों की नक्काषी का कार्य प्रगति पर है, यह पत्थर भी षीध्र अयोध्या पहुँचना प्रारम्भ हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि भगवान श्रीराम के निर्माणाधीन मन्दिर की नींव की डिजाइन और ड्रॉइंग पर आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहटी, आईआईटी मद्रास, आईआईटी मुम्बई, एनआईटी सूरत, सीबीआरआई रूड़की, लार्सन एण्ड टूब्रो तथा टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरों ने सामूहिक कार्य किया है। इसमें हैदराबाद की संस्था एनजीआरआई ने भी सहयोग किया है। निर्माणाधीन मन्दिर की नींव की डिजाइन और ड्रॉइंग देश के महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग संस्थानों के सामूहिक चिन्तन का परिणाम है।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि मन्दिर का क्षेत्रफल लगभग 2.7 एकड़ है। इसके चारों ओर 8 एकड़ भूखण्ड का एक आयताकार परकोटा भी बनेगा, यह परकोटा भी 9 लाख घनफुट पत्थरों से तैयार होगा। इस पर भी समानान्तर कार्य चल रहा है।
मन्दिर के चारों ओर की मिट्टी की कटान तथा मन्दिर के पष्चिम में प्रवाहित सरयू जी के किसी भी सम्भावित कटान को रोकने के लिए मन्दिर के पष्चिम, दक्षिण व उत्तर में रिटेनिंग वॉल के निर्माण का कार्य भी साथ-साथ चल रहा है।