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‘महिला हूं इसलिए नहीं जाउंगी ED ऑफिस’, के कविता की इस मांग पर ईडी ने SC में दायर की केवियट


ED files caveat in SC: भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) की एमएलसी के कविता की याचिका के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुप्रीम कोर्ट में केवियट दायर की है. एमएलसी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में अपने खिलाफ जांच एजेंसी की ओर से जारी समन को चुनौती दी है. बता दें कि विरोध-पत्र या केवियट आवेदन यह आश्वस्त करने के लिए किया जाता है कि बिना दूसरे पक्ष को सुने उनके खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित नही किया जाए.

सूत्रों के मुताबिक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने ईडी के कार्यालय में पूछताछ को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने कहा है कि मानदंडों के अनुसार, किसी महिला को ईडी के कार्यालय में पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जा सकता है. ईडी को ये पूछताछ उसके आवास पर करनी चाहिए. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट 24 मार्च को ईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट में 24 मार्च को होगी सुनवाई
ईडी ने एमएलसी को पहले 15 मार्च को समन जारी कर पेश होने को कहा था. जिसके बाद उन्हें 16 मार्च को फिर से पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वह यह कहते हुए पेश नहीं हुईं कि उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. वही कविता के वकील ने कहा कि एक महिला को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया जा रहा है, जो पूरी तरह से कानून के खिलाफ है. हालांकि, इस पर अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है.

कविता के वकील ने कहा कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष इस याचिका का उल्लेख कर तत्काल सुनवाई की मांग की गई है. जिसमें अदालत ने पूछा कि मामले में इतनी जल्दबाजी की वजह क्या है, तो वकील ने जवाब दिया कि कविता को कल ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. जिसके बाद अदालत ने इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई के लिए सहमति दे दी है.

किसी व्यक्ति के घर पर बयान दर्ज करने का कोई प्रावधान नहीं 
के कविता की वकील वंदना सहगल ने उनकी ओर से याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से 7 और 11 मार्च के लिए जारी किए गए ईडी के समन को रद्द करने का आग्रह किया था. इस याचिका में कहा गया कि कविता को अपने निवास के बजाय एजेंसी कार्यालय में पेश होने के लिए कहना आपराधिक न्यायशास्त्र के सिद्धांतों के विपरीत है. याचिका में इसे दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 की धारा 160 के प्रावधान का उल्लंघन बताया गया है.

इस याचिका में मांग की गई है कि ईडी की ओर से पूछताछ की सारी प्रक्रिया, जैसे कविता के बयानों की रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हो. साथ ही ऑडियो या वीडियोग्राफी भी उसके वकील की उपस्थिति में होनी चाहिए. कविता को दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. जिसके बाद उन्होंने ईडी से आग्रह किया था कि पूछताछ उनके आवास पर की जाए. जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए जांच एजेंसी ने एक बयान जारी किया था. जिसमें कहा गया कि पीएमएलए के तहत किसी व्यक्ति के आवास पर बयान दर्ज करने का कोई प्रावधान नहीं है.

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