प्रयागराज : शारीरक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य का भी स्वस्थ्य होना कितनी जरुरी हैं ये जानना बहुत जरुरी है | यह जानकरी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के दौरान राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन इण्टर कालेज हिन्दी विद्यापीठ नैनी, के छात्र छात्राओं को दी गई | कार्यक्रम का आयोजन जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा नोडल अधिकारी डॉ राजेश सिंह के निर्देशन में किया गया |
डॉ. राकेश पासवान (साइकियाट्रिक) मोती लाल नेहरू मण्डलीय चिकित्सालय (काल्विन) ने बताया कि आज कल बच्चे कई घंटे तक लगातार मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मोबाइल गेम या यूट्यूब ही उन्हें मानसिक व शारीरिक परेशानी हो रही है। साथ में परिजन आर्थिक बर्बादी झेल रहे हैं। आज के दौर में मानसिक समस्या आम हो गई और इससे बचने के लिए हमे अपने परिवार के साथ समय बिताना और हर समस्या पर चर्चा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोबाइल का उपयोग सीमित करना चाहिए। स्वामी नाथ त्रिपाठी प्रधानाचार्य ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य मानसिक स्वास्थ्य का पूरक होता है। यदि व्यक्ति मानसिक रूप से स्वास्थ्य है तो उसके शारीरिक रूप से स्वथ्य रहने की सम्भावना बढ़ जाती है।
शैलेश कुमार साइकियाट्रिक नर्स ने बताया कि मानसिक रोगी की देखभाल में अक्सर लोग परेशान होने लगते हैं। परिवारीजन या अभिभावकों को समझना होगा कि मानसिक परेशानियां दवा, सही देखभाल और स्नेह से कुछ समय में ही ठीक हो जाती है।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक डा. राम प्रकाश मिश्र ने किया जिसमे सुभाष चन्द्र, अतुल कुमार सिंह, आकांक्षा कुशवाहा, रचना सिंह, अशोक कुमार दुर्गेश कुमार मिश्र, सतीश कुमार, शिवाकान्त द्विवेदी माधुरी देवी (BLO), सरोज देवी, सुनीता लगा अर्चना आदि उपस्थित रहे |