वर्ष 2022 में देशभर में हुई विभिन्न लक्षित हिंदुओं की हत्या के एक मामले का खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एमआईए) ने किया है। एनआईए ने दावा किया है कि प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया, जिसे पीएफआई के नाम से जाना जाता है, भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की सोच रखता है। इसके लिए पीएफआई ने व्यापक योजना बनाई है। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में 26 जुलाई 2022 को भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेटारू की हत्या के पीछे भी यही वजह है।
एनआईए ने बेंगलुरु के विशेष न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर कहा है कि नेटारू की खुलेआम धारदार हथियार से हत्या की गई थी। इस हत्या का उद्देश्य समुदाय विशेष को आतंकित करना था। एनआईए ने आरोप पत्र में कहा है कि पीएफआई ने गोपनीय दलों का भी गठन किया है, जिन्हें सर्विस टीम या खूनी दस्ता कहा जाता था। इस दस्ते का काम विभिन्न तरीकों से दुश्मनों (हिंदुओं) का सफाया करना और उन्हें लक्ष्य बनाना था।
एनआईए ने आरोप पत्र में कहा है कि सर्विस टीम के सदस्य हमले और हत्या के लिए पीएफआई के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर कार्य करते थे। नेताओं की हत्या के सिलसिले में बेंगलुरु शहर, सुलिया कस्बे और बेल्लार गांव में पीएफआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठकें हुई थी। हत्या के लिए जिला सर्विस टीम के प्रमुख मुस्तफा पाईचर को खासतौर पर निर्देश दिए गए थे। इन्हीं निर्देशों के परिणाम स्वरूप भाजपा की युवा शाखा के नेता प्रवीण को चिन्हित किया गया और उनकी हत्या की गई।
एनआईए ने इस घटना के लिए पीएफआई के 20 सदस्यों के नाम भी लिए हैं जिनकी इस हत्या के अपराध में सक्रिय भूमिका थी। यह संगठन की सर्विस टीम के सदस्य थे, जिन्होंने हथियारों का इंतजाम किया। हमले का प्रशिक्षण दिया। सर्विलांस के जरिए लक्ष्य की उपस्थिति सुनिश्चित की और उस पर हमला किया।
क्या कन्हैया और उमेश कोल्हे की हत्या भी इसीलिए हुई ?
भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद महारा महाराष्ट्र के अमरावती शहर में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या दुकान बंद कर घर लौटते समय की गई थी। हत्या के वक्त उमेश की पत्नी और बेटी भी साथ में थे। दोनों घटना के चश्मदीद गवाह हैं।
राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या उनकी दुकान के अंदर ही कर दी गई थी। हत्या के वीडियो वायरल हुए थे, जो दिल दहलाने वाले थे।
सार्वजनिक रूप से की गई इन दोनों हत्याओं का कारण धार्मिक था। आरोप यह लगाया गया कि नूपुर शर्मा के बयान से आक्रोश में आकर मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों ने हत्या की, लेकिन स्थानीय पुलिस की शुरुआती जांच में यह तथ्य सामने आए उमेश कोल्हे और कन्हैया लाल की हत्याएं अचानक नहीं हुई। बल्कि दोनों को लक्ष्य बनाकर मारा गया। हत्या के लिए ऐसा तरीका अपनाया गया जिससे समुदाय विशेष के लोग आतंकित होकर भयभीत हो जाएं। दोनों घटनाओं के आरोपियों को जिहादी सोच का बताया गया है। इन मामलों की जांच भी एनआईए कर रही है।