लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति- 2023 खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्योग लगाने/विस्तार करने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होगी। नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण, निर्माण और विपणन आदि मे विभिन्न कार्यों के लिए विभिन्न स्तर पर अनेक प्रकार की सुविधाएं उद्यमियों के लिए प्रदान किए जाने का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किया गया है।
उन्होंने बताया कि पुरानी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्लान्ट, मशीनरी एवं तकनीकी सिविल कार्य का 25 प्रतिशत, (अधिकतम रू 50 लाख) के पूँजीगत निवेश अनुदान दिये जाने की व्यवस्था थी।
नयी नीति, जो वर्ष-2023 मे प्रख्यापित की गयी है में, उत्तर प्रदेश मे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के सम्बन्ध में संयन्त्र, मशीन और तकनीकी सिविल कार्य पर किये गये व्यय का 35 प्रतिशत, (अधिकतम रूपये 05 करोड़) का अनुदान दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
राज्य में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के विस्तार/ आधुनिकीकरण/तकनीकी उन्नयन के लिए प्लान्ट मशीनरी और तकनीकी सिविल कार्य पर किये गये व्यय का 35 प्रतिशत, (अधिकतम धनराशि रू 01 करोड़) अनुदान दिये जाने का प्राविधान किया गया है।