सौरभ सिंह सोमवंशी लखनऊ।
सख्त मिजाज की छवि रखने वाले सीनियर आईएएस उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने डीएल बनाने वाली कंपनी को काली सूची में डालने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि 31 मार्च तक यदि कंपनी ड्राइविंग लाइसेंस बना कर आवेदकों तक नहीं पहुंचा देती तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। चिप की कमी की वजह से आरटीओ दफ्तरों में ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते उत्तर प्रदेश में 2 लाख से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस बनने का काम लंबित है ।
इसको लेकर उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने सख्त रुख अपनाया है जानकारी के अनुसार परिवहन एक निजी कंपनी से चिप युक्त ड्राइविंग कार्ड बनवाता है रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते चिप की आपूर्ति प्रभावित हुई है। जिसकी वजह से 2 लाख से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट नहीं हो सके हैं ।
आवेदकों की परेशानी को देखते हुए परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट करने वाली निजी कंपनी को 31 मार्च 2023 तक का सुधार हेतु अल्टीमेटम दिया है। बीते 2 महीने के दौरान परिवहन विभाग की हेल्पलाइन पर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं पहुंचने पर 18,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई है। डीएल प्रिंट न होने पर कंपनी पर 10 रुपए प्रतिदिन जुर्माना भी लगाया जाएगा। जुर्माना की गणना करने के लिए मुख्यालय पर उपपरिवहन आयुक्त कोजिम्मेदारी सौंपी गई है।
पता चला है कि ड्राइविंग लाइसेंस ना होने की वजह से बहुत सारे ड्राइवरों को प्रदेश में नौकरी नहीं दी जा रही है तमाम सारे आवेदक ऐसे हैं जिन्हें खाड़ी देश जाकर ड्राइविंग करना था। परंतु उनका ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट न होने से समस्या हो गई है। इतना ही नहीं सरकारी और निजी कंपनी के वाहनों के चलाने के लिए बगैर ड्राइविंग लाइसेंस नौकरी नहीं करने दी जा रही है। ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस ना होने की वजह से काफी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं प्रदेश के 2 लाख से अधिक आवेदक अपने ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर परेशान हैं, और आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं ऐसे में उनको कोई माकूल जवाब नहीं मिल रहा है इसको लेकर परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने सख्त रुख अपनाया है।