कोरोणा महामारी का असर लगभग खत्म हो चुका है। ज्यादातर व्यवस्थाएं पटरी पर लौट चुकी है लेकिन रेलवे कोरोना के नाम पर बड़ी संख्या में ट्रेनों का ठहराव छोटे स्टेशनों पर अब भी नहीं कर रहा है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश से बिहार तक लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिहार में पटना हावड़ा रूट पर स्थानीय लोगों ने जाम लगाकर ट्रेनों की आवाजाही रोकी तो उत्तर मध्य रेलवे में छिवकी से मानिकपुर के बीच में पढ़ने वाले महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन बरगढ़ पर अब भी बुंदेलखंड और सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव शुरू नहीं हुआ है। इसे लेकर मांग उठनी शुरू हो गई है। उधर, प्रयागराज संगम से अयोध्या कैंट व लखनऊ की ओर जाने वाली एक-एक पैसेंजर ट्रेन का भी अब तक संचालन शुरू नहीं किया गया है।
बिहार में पटना से हावड़ा रेल मार्ग पर बढ़िया रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव शुरू ना होने से के खिलाफ स्थानीय लोगों ने रविवार को भारी बवाल काटा। इस रूट की अधिकतर ट्रेनों को मजबूरी में रेलवे प्रशासन को निरस्त और डायवर्ट करना पड़ा है। छोटे रेलवे स्टेशनों पर महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव कोरोना के बाद दोबारा शुरू ना करने से न सिर्फ विरोध बढ़ रहा है, बल्कि कई पैसेंजर ट्रेनों का संचालन ना होने से भी स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
भारतीय जनता पार्टी कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के किसान मोर्चा कार्य समिति सदस्य श्याम नारायण शुक्ला ने उत्तर रेलवे के अफसरों को पत्र लिखकर कहा है कि बरगढ़ रेलवे स्टेशन से चित्रकूट धाम और प्रयागराज समीर झांसी ग्वालियर वाराणसी जैसे स्टेशनों की ओर जाने वाले यात्रियों की बड़ी संख्या है। इसके अलावा आसपास के शहरों में जाकर मजदूरी, नौकरी करने वालों और छात्र-छात्राओं की भी बड़ी संख्या रेल यात्रा की सुविधा उठाती है। परंतु, कोरोनावायरस के लाॅकडाउन के दौरान बंद की गई बुंदेलखंड और सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव अब तक शुरू नहीं किया गया है। इन दोनों ट्रेनों का ठहराव तत्काल बरगढ़ रेलवे स्टेशन पर शुरू किया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को हो रही भारी परेशानी से निजात मिल सके। इस मामले में उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज डिवीजन के सीनियर डीओएम ने इस मामले को जोन का नीतिगत निर्णय बताकर मुद्दे को टरका दिया है।
यही नहीं, उत्तर रेलवे के प्रयागराज संगम से अयोध्या कैंट और प्रतापगढ़ के रास्ते लखनऊ की ओर जाने वाली पीआरएल पैसेंजर का संचालन भी अब तक शुरू नहीं किया गया है। इन दोनों ट्रेनों से बड़ी संख्या में यात्री गंतव्य की ओर आते जाते हैं। पीआरएल पैसेंजर इस रूट पर महत्वपूर्ण सेवा के तौर पर मानी जाती है।