गुजरात के मोरबी जिले में रविवार की देर शाम मच्छु नदी पर बनी केबल पुल टूटने से डूबे 132 लोगों के शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं। 2 लोग अब भी नदी में लापता बताए जा रहे हैं। 170 लोगों को कल ही निकाल लिया गया था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, वायु सेना और सेना के साथ अभी राहत और बचाव के कार्य चल रहे हैं। गुजरात सरकार ने मामले की जांच शुरू करा दी है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिख रहा है कि पुल पर भारी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे। भीड़ में शामिल कुछ लोग पुराने पुल की केबल पर पैर मार कर उसे क्षतिग्रस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे लेकर आशंका जताई जा रही है कि मरम्मत के बाद खुले पुल को किसी तरह क्षतिग्रस्त कर गुजरात सरकार की छवि को खराब किया जा सके। विपक्ष के नेताओं ने भी घटना पर दुख जताया है।
गुजरात के मोरबी में केबल पुल टूट गया। करीब 400 लोग नदी में गिर गए।
ईश्वर सबको सही सलामत रखें, यही प्रार्थना है। pic.twitter.com/GW4JurmYz7
— Congress (@INCIndia) October 30, 2022
NDRF के DIG ऑपरेशन मोहसिन शाहिदी ने कहा है कि 132 शवों को रिकवर किया गया है। 2 लोगों के लापता होने की सूचना है। NDRF की 5 टीमों को तैनात किया गया है। 2 लापता लोगों के मिल जाने के बाद संभवतः सर्च ऑपरेशन बंद किया जाएगा। कल वहां के लोगों और प्रशासन ने 170 से ज्यादा लोगों को बचाया।
मोरबी में ब्रिज गिरने की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल से ही निगाह बनाए हुए हैं। सरदार पटेल जयंती पर स्वेच्छा ऑफ यूनिटी पहुंचे मोदी ने कहा कि राहत-बचाव कार्य में NDRF, सेना और वायुसेना लगी हुई है। लोगों की दिक्कतें कम से कम हो इसे प्राथमिकता दी जा रही है। मैं यहां एकता नगर में हूं लेकिन मेरा मन मोरबी के पीड़ितों से जुड़ा हुआ है। हादसे में जिन लोगों ने जान गंवाई है मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। केंद्र सरकार से गुजरात सरकार को हर संभव मदद दी जा रही है। अस्पताल में लगातार इलाज चल रहा है। हादसे की ख़बर मिलने के बाद ही CM भूपेंद्र पटेल मोरबी पहुंच गए थे। जांच के लिए एक कमिटी बनाई गई है। राहत और बचाव कार्य में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सोमवार की सुबह मोरबी में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने तलाशी अभियान, राहत-बचाव अभियान, घायलों के इलाज सहित सभी मामलों की जानकारी ली और मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना में व्यवस्था को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी,राजकोट इलेश खेर ने कहा कि राजकोट फायर ब्रिगेड ने 6 नाव, 6 एम्बुलेंस, 2 बचाव वैन, 60 जवान तैनात किए। बड़ौदा, अहमदाबाद, गोंडल, जामनगर, कच्छ से कुल 20 बचाव नौकाएं रेस्कयू का काम कर रही हैं। 12 फायर टेंडर, बचाव वैन, 15 से ज्यादा एम्बुलेंस यहां हैं।
राजकोट जिला कलेक्टर अरुण महेश बाबू ने कहा कि SDRF की 2 टीमें यहां आई हैं, एक NDRF की स्थानीय टीम और दूसरी टीम बड़ौदा से आई है। सेना, वायु सेना, अग्निशमन विभाग और नगर पालिका की टीमें भी यहां मौजूद हैं। सभी ने साथ मिलकर काम किया है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि अब तक कुल 132 लोगों की मृत्यु इस हादसे में हुई है। नेवी,NDRF, वायुसेना और सेना तेजी से पहुंच गई, पूरी रात (खोज और बचाव कार्यों के लिए) 200 से अधिक लोगों ने काम किया है।
गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि CM ने अहमदाबाद से रवाना होते हुए कल ही एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था। विभिन्न स्थानों पर तैनात सभी अधिकारियों को सुबह दो बजे तक मोरबी में रिपोर्ट करने को कहा गया है, जांच चल रही है। आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। रेंज IGP के नेतृत्व में आज से जांच शुरू हो गई है।
बताया जाता है कि मोरबी पुल करें सवा सौ साल पुराना है। काफी दिनों से बंद था। मरम्मत के बाद 6 दिन पहले ही इसे खोला गया है। दीपावली त्यौहार के बाद इस पुल पर भारी संख्या में लोग पहुंच गए जिनका वजन मरम्मत के बाद भी यह पुल सहन नहीं कर सका। जहां पुल टूट कर गिरा है वहां नदी से उसकी ऊंचाई 15 से 20 फीट है। कहा जा रहा है कि जिस जगह लोग पानी में गिरे वहां काई और गंदा पानी है, इसलिए पानी के अंदर बचाव अभियान में भी मुश्किलें आ रही हैं।
'हमारी अनुमति के बिना खोला गया पुल' : संदीपसिंह झाला, मोरबी म्युनिसिपल चीफ ऑफिसर
तो सवाल यह है की 4 दिन में 12 हजार लोगो ने सस्पेंशन ब्रिज की विजिट की तब म्युनिसिपल के चीफ ऑफिसर के आखों में पट्टी बंधी थी !?
ऐसे अफसरों के खिलाफ तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।#Morbi #Gujarat pic.twitter.com/j8ZH5FXwl4
— Kaushik Kanthecha (@Kaushikdd) October 30, 2022